Thursday, January 14, 2016

PAIN IN VAGINA

नीम
नीम की निम्बोली (बीज) और एरण्ड के बीजों का गूदा नीम के पत्तों को निचोड़कर प्राप्त हुए रस में पीसकर योनि में लगाने से योनि की पीड़ा शांत होती हैं। नोट- इनमें से किसी एक के न मिलने पर किसी एक बीज के गूदे का प्रयोग भी कर सकते हैं।
नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से योनि को धोने से फुंसियों के कारण होने वाले योनि के दर्द में लाभ मिलता है।
नीम की छाल को पानी के साथ पीसकर योनि पर लेप लगाने से नाखूनों के द्वारा खुजलाने से हुऐ जख्म में दर्द को राहत मिलती है।
आंवला
आंवले के रस में चीनी को डालकर प्रतिदिन सुबह-शाम प्रयोग करने से योनि की जलन मिट जाती है।
आंवले का चूर्ण 10 ग्राम और 10 ग्राम मिश्री को मिलाकर प्रतिदिन 2 बार खुराक के रूप में सेवन करने से योनि में होने वाली जलन मिट जाती है।
तिल
लगभग 6 ग्राम तिलों का चूर्ण गर्म पानी के साथ दिन में दो बार देने से लाभ होता है।
धतूरा
धतूरे के पत्तों को पीसकर उसमें थोड़ा-सा सेंधानमक और घी मिलाकर कपडे़ की पोटली बना लें। रात्रि में सोने से पूर्व पोटली योनि में रखने और सुबह निकाल लेने से दर्द में आराम मिलता है।
माजूफल
माजूफल को पानी में पीसकर रूई का फोहा बनाकर स्त्री की योनि में संभोग (सहवास) करने से पहले रख दें, इसके बाद संभोग करने से से योनि में दर्द नहीं होता है। नोट: इसका प्रयोग गर्भ को रोकने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इसलिए सोच समझकर ही इस्तेमाल करें।
सोंठ
सोंठ को गर्म पानी में पीसकर योनि पर लेप करने से योनि के दर्द में आराम मिलता है।
सोंठ का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में लेकर रोजाना दूध में पकाकर गर्म-गर्म सुबह-शाम प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
10 ग्राम सोंठ लगभग 400 मिलीलीटर पानी में पकाकर काढ़ा बनाकर 20 ग्राम गुड़ के साथ प्रयोग करने से मासिक धर्म (ऋतुस्त्राव) से योनि में होने वाली पीड़ा को समाप्त हो जाती है।

कारण:
योनि में दर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे- चोट लगने से, सीढ़ियों से गिरने, गुसलखाने में फिसल जाने पर, काफी समय तक भीगे वस्त्रों में कपड़े धोने से, नवयुवतियां का नंगे पैर फर्श साफ करने से, नंगे पांव गीले पांव फर्श पर रसोईघर में काम करने से इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी होते हैं, आंतरिक वस्त्र, तौलिया, फुंसियां होने पर, योनि के संकुचन होने पर, प्रसव (बच्चे के जन्म के बाद) सूतिका की बीमारी में जीवाणुओं के संक्रमण से, मासिक-धर्म के समय पर न होने पर, खुजलाते वक्त नाखून लग जाने पर योनि के भीतर की बहुत कोमल त्वचा में जख्म हो जाने से योनि में दर्द होने लगता है।

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